
Chhath Puja 2025 Kab Hai
Chhath Puja 2025: Complete Guide in Hindi-English Mix
छठ पूजा 2025 भारत का एक सबसे पवित्र और महत्त्वपूर्ण त्योहार है, जिसे विशेष रूप से बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, और नेपाल में बड़ी श्रद्धा से मनाया जाता है। यह पर्व सूर्य भगवान और छठी मइया को समर्पित होता है। इस दिन भक्त उपवास रखते हैं, जल में खड़े होकर अर्घ्य देते हैं और संतान सुख, आरोग्य और परिवार की समृद्धि की कामना करते हैं।
✅ Chhath Puja 2025 Kab Hai? | Date & Timings
2025 में दो बार छठ पूजा मनाई जाएगी:
Chaiti Chhath Puja 2025 (April)
Nahay Khay – 29 March 2025 (Saturday)
Kharna – 30 March 2025 (Sunday)
Sandhya Arghya – 31 March 2025 (Monday)
Usha Arghya & Parana – 01 April 2025 (Tuesday)
Kartik Chhath Puja 2025 (October-November)
Nahay Khay – 26 October 2025 (Sunday)
Kharna – 27 October 2025 (Monday)
Sandhya Arghya – 28 October 2025 (Tuesday)
Usha Arghya & Parana – 29 October 2025 (Wednesday)
👉 Note: ये तारीखें पंचांग अनुसार हैं और स्थान विशेष के अनुसार थोड़ी भिन्न हो सकती हैं।
🙏 Chhath Puja Vrat Vidhi (छठ पूजा की विधि)
नहाय-खाय (Nahay Khay):
पहले दिन व्रती नदी या तालाब में स्नान करके सात्विक भोजन करते हैं। दिन की शुरुआत शुद्धता से होती है।खरना (Kharna):
दूसरे दिन दिनभर व्रत के बाद शाम को गुड़ की खीर, रोटी और केला खाया जाता है। इसके बाद व्रती 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू करता है।शाम का अर्घ्य (Sandhya Arghya):
तीसरे दिन महिलाएं नदी या तालाब के जल में खड़े होकर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देती हैं।उषा अर्घ्य (Usha Arghya):
अंतिम दिन सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। फिर व्रत तोड़कर पराना किया जाता है।
📜 Chhath Puja Vrat Katha (छठ पूजा की कहानी)
छठ पूजा की कथा के अनुसार, सत्य युग में राजा प्रियव्रत की कोई संतान नहीं थी। उन्होंने महर्षि कश्यप की सलाह पर यज्ञ किया। रानी मालिनी ने यज्ञ प्रसाद से संतान प्राप्त की लेकिन वह मरी हुई थी। दुखी होकर राजा आत्महत्या करने लगे तभी छठी देवी प्रकट हुईं और उन्होंने व्रत रखने को कहा। राजा ने व्रत किया और फिर उन्हें संतान सुख मिला।
इसलिए यह व्रत संतान, आरोग्य और समृद्धि के लिए किया जाता है।
🌞 Chhath Puja 2025 Significance (महत्व)
सूर्य देव ऊर्जा और जीवन के प्रतीक हैं।
यह एकमात्र पर्व है जिसमें उगते और डूबते दोनों सूर्य की पूजा होती है।
इस व्रत को करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
यह पर्व साफ-सफाई, आस्था, धैर्य और श्रद्धा का प्रतीक है।
📍 Bihar में Chhath Puja क्यों है खास?
बिहार में छठ पूजा एक लोक पर्व की तरह मनाई जाती है। हर गली, घाट और तालाब सजाए जाते हैं। पटना के घाट, विशेषकर गांधी घाट और कंकड़बाग छठ के लिए प्रसिद्ध हैं। बिहार सरकार द्वारा विशेष इंतजाम किए जाते हैं।
💬 Chhath Puja 2025 Greetings (शुभकामनाएं)
🌸 “सूर्य देवता की कृपा से आपके जीवन में खुशहाली आए, छठ मइया आपकी मनोकामनाएं पूर्ण करें। छठ पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं!” 🌸