Kawad Yatra 2025 - श्रद्धालु गंगाजल लेकर शिव मंदिर की ओर
Kawad Yatra 2025 - श्रद्धालु गंगाजल लेकर शिव मंदिर की ओर

Kawad Yatra 2025 Date: शुभ मुहूर्त, जलाभिषेक और पूरी जानकारी

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Kawad Yatra 2025 Date: कब से शुरू होगी कांवड़ यात्रा 2025? शुभ मुहूर्त, जलाभिषेक और पूरी जानकारी

कांवड़ यात्रा (Kawad Yatra) हिंदू धर्म में भगवान शिव को समर्पित एक महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन है। यह यात्रा सावन मास (श्रावण) के दौरान की जाती है, जब लाखों श्रद्धालु गंगाजल लेकर पैदल चलते हुए शिव मंदिरों में जलाभिषेक करते हैं। 2025 में कांवड़ यात्रा कब शुरू होगी, इसका शुभ मुहूर्त क्या है, और कौन-से दिन जलाभिषेक के लिए सर्वोत्तम हैं? आइए, पूरी जानकारी जानते हैं।


Kawad Yatra 2025 -
Kawad Yatra 2025 –

Kawad Yatra 2025 Start and End Date

2025 में कांवड़ यात्रा 14 जुलाई, 2025 (सोमवार) से शुरू होगी और 23 जुलाई, 2025 (बुधवार) तक चलेगी। इस दौरान श्रद्धालु गंगाजल लेकर हरिद्वार, गौमुख, गंगोत्री, काशी विश्वनाथ, बैजनाथ, देवघर (बाबाधाम) और अन्य प्रमुख शिव मंदिरों में जल चढ़ाएंगे।

कांवड़ यात्रा 2025 के प्रमुख दिन

दिनांकदिनमहत्व
14 जुलाई 2025सोमवारपहला सावन सोमवार व्रत (यात्रा प्रारंभ)
21 जुलाई 2025सोमवारदूसरा सावन सोमवार व्रत
22 जुलाई 2025मंगलवारसावन प्रदोष व्रत
23 जुलाई 2025बुधवारसावन शिवरात्रि (कांवड़ यात्रा समापन)
28 जुलाई 2025सोमवारतीसरा सावन सोमवार व्रत
4 अगस्त 2025सोमवारचौथा सावन सोमवार व्रत

कांवड़ यात्रा 2025: जलाभिषेक का शुभ मुहूर्त

जलाभिषेक के लिए सबसे शुभ दिन सावन सोमवार, प्रदोष व्रत और शिवरात्रि माने जाते हैं। 2025 में इन तिथियों का विशेष महत्व होगा:

  1. 14 जुलाई 2025 (पहला सावन सोमवार) – यात्रा की शुरुआत, जलाभिषेक का सबसे शुभ दिन।
  2. 23 जुलाई 2025 (सावन शिवरात्रि) – कांवड़ यात्रा का समापन, इस दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाने से विशेष फल मिलता है।

कांवड़ यात्रा से जुड़े महत्वपूर्ण सवाल (FAQs)

1. कांवड़ यात्रा कहां से शुरू और कहां खत्म होती है?

कांवड़ यात्रा की शुरुआत हरिद्वार, गंगोत्री, गौमुख या अन्य पवित्र नदियों से होती है, जहां से श्रद्धालु गंगाजल लेकर काशी विश्वनाथ, बाबाधाम (देवघर), बैजनाथ, पशुपतिनाथ जैसे प्रमुख शिव मंदिरों में जल चढ़ाते हैं।

2. कावड़ यात्रा कितने किलोमीटर की होती है?

यह यात्रा 100 किमी से 300 किमी तक की हो सकती है, जो श्रद्धालु के प्रस्थान स्थल और गंतव्य पर निर्भर करता है।

3. क्या 2025 में कांवड़ यात्रा फरवरी में होगी?

नहीं, कांवड़ यात्रा हमेशा सावन मास (जुलाई-अगस्त) में ही होती है। फरवरी में महाशिवरात्रि मनाई जाती है, जो अलग त्योहार है।

4. कांवड़ यात्रा का इतिहास क्या है?

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, कांवड़ यात्रा की शुरुआत समुद्र मंथन के समय हुई थी, जब भगवान शिव ने विष पीकर देवताओं की रक्षा की थी। इसके बाद देवताओं ने उन पर गंगाजल चढ़ाया था।


निष्कर्ष

2025 की कांवड़ यात्रा 14 जुलाई से 23 जुलाई तक चलेगी, जिसमें सावन सोमवार, प्रदोष व्रत और शिवरात्रि विशेष महत्व रखते हैं। यदि आप इस पवित्र यात्रा में शामिल होना चाहते हैं, तो इन शुभ तिथियों का ध्यान रखें और भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करें।

जय भोलेनाथ! 🙏

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