
October 2025 Hindu Festival List – GEJUFF Festival Calendar in Hindi
📅 अक्टूबर 2025 – प्रमुख हिंदू त्योहारों की सूची
दिनांक (Date) | दिन (Day) | त्योहार (Festival) |
---|---|---|
1 अक्टूबर 2025 | बुधवार | महा नवमी / आयुध पूजा |
2 अक्टूबर 2025 | गुरुवार | विजयादशमी (दशहरा) |
6 अक्टूबर 2025 | सोमवार | शरद पूर्णिमा |
10 अक्टूबर 2025 | शुक्रवार | करवा चौथ |
13 अक्टूबर 2025 | सोमवार | अहोई अष्टमी |
17 अक्टूबर 2025 | शुक्रवार | गोवत्ता द्वादशी / रामा एकादशी |
18 अक्टूबर 2025 | शनिवार | धनतेरस / यम दीपम |
20 अक्टूबर 2025 | सोमवार | नरक चतुर्दशी / दिवाली |
22 अक्टूबर 2025 | बुधवार | गोवर्धन पूजा / भाई दूज |
25 अक्टूबर 2025 | शनिवार | नागुला चविथी / विनायक चतुर्थी |
27 अक्टूबर 2025 | सोमवार | छठ पूजा |
29 अक्टूबर 2025 | बुधवार | जलाराम बापा जयंती |
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1 अक्टूबर 2025 – महा नवमी / आयुध पूजा
महा नवमी नवरात्रि का नौवाँ और अत्यंत महत्वपूर्ण दिन है। इस दिन देवी दुर्गा की आयुध पूजा की जाती है—जिसमें शस्त्र, औजार, वाहन और उपकरण पूजा स्थल में समर्पित होते हैं। शस्त्र पूजा से सुरक्षा, शक्ति और विजय की कामना की जाती है। औद्योगिक कार्यस्थल, व्यापारियों और सेना में लगे लोग पुरे विश्वास और श्रद्धा के साथ यह पूजा करते हैं। साथ ही शरद ऋतु की ऊर्जा का स्वागत किया जाता है। यह पर्व एक नए उद्देश्य के लिए मानसिक तैयारी और आध्यात्मिक सामग्री का प्रतीक है।
2 अक्टूबर 2025 – विजयादशमी (दशहरा)
विजयादशमी या दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व है। रामलीला मंचन के साथ रावण दहन किया जाता है, जो धर्म की विजय प्रतीक है। बंगाल, उत्तर भारत सहित पूरे देश में इसे भव्य रूप से मनाया जाता है। देवी दुर्गा पूजन के समापन के साथ ही यह पर्व मनाया जाता है और मां दुर्गा की विदाई होती है। यह दिन नए कार्यों की शुरुआत के लिए शुभ माना जाता है। परिवार और समाज में रामराज्य की स्थापना की प्रेरणा से जोश और सकारात्मकता भर देता है।
6 अक्टूबर 2025 – शरद पूर्णिमा
शरद पूर्णिमा को कोजागर पूजा भी कहते हैं। यह चांदनी रात होती है जहाँ भक्त माँ लक्ष्मी की स्तुति करते हैं। काढ़ा व दूध को रातभर चाँदनी में रखा जाता है और सुबह सेवन किया जाता है क्योंकि इसे स्वास्थ्यवर्धक माना जाता है। इस दिन उपवास और कथा का भी महत्व है। वास्तुशास्त्र में इसे सौभाग्य और समृद्धि का दिन कहा जाता है। किसान क्षेत्र में फसल की शुरुआत के लिए भी इसे शुभ माना जाता है।
10 अक्टूबर 2025 – करवा चौथ
करवा चौथ विवाहित महिलाओं द्वारा अपने पति की लंबी आयु और खुशहाल जीवन की कामना लिए रखा जाता है। महिलाएं निर्जल व्रत रखती हैं और रात में चाँद के दर्शन के बाद पति की सामर्थ्य, स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए प्रार्थना करती हैं। उपवास टूटने के बाद पारंपरिक पकवान जैसे चना, सेंव और मिठाइयाँ बांटी जाती हैं। यह महाराष्ट्र, उत्तर भारत और पंजाब में विशेष रूप से लोकप्रिय है। करवा चौथ पारिवारिक प्रेम, व्रत-संस्कार और भारतीय संस्कृति का सुंदर प्रतीक है।
13 अक्टूबर 2025 – अहोई अष्टमी
अहोई अष्टमी माता अहोई की पूजा का दिन है, जो संतान की रक्षा तथा बच्चों की लंबी आयु के लिए मनाया जाता है। माताएं निर्जल व्रत रखती हैं और शाम तक पूजा करती हैं। दीवार या कपड़े पर चित्र बनाकर सात शिशु बालकों और माता अहोई का चित्र बनाया जाता है। अष्टमी तिथि पर यह व्रत रखा जाता है। पूजा में खीर, पुरी, हलवा और फूल-जड़ी-बूटियाँ शामिल होती हैं। मातृत्व शक्ति, संघर्ष और श्रद्धा का प्रतीक है।
17 अक्टूबर 2025 – गोवत्ता द्वादशी / रामा एकादशी
गोवत्ता द्वादशी या रामा एकादशी गोमाता की रक्षा और गायों का सम्मान करने वाला व्रत है। इस दिन गौ माता को विशेष आहार चढ़ाया जाता है और उनके कल्याण की कामना की जाती है। भक्त निर्जल व्रत रखते हैं और शाम को कथा सुनते हैं। यह कृष्ण पक्ष की एकादशी को आता है। अहिंसा, सहानुभूति और पवित्रता की शिक्षा देता है। गोवत्ता व्रत भारतीय ग्रामीण संस्कृति का हिस्सा है और गाय को पवित्र माना जाता है।
18 अक्टूबर 2025 – धनतेरस / यम दीपम
धनतेरस को दीवाली उत्सव का पहला दिन माना जाता है। इस दिन धन माता लक्ष्मी की पूजा होती है और नए जेवर, बर्तन और वस्तुएं खरीदी जाती हैं—इसे लाभ और समृद्धि की शुरुआत माना जाता है। शाम को दीप प्रज्वलित होते हैं, जिन्हें यम दीपम कहा जाता है। यमराज को दीप अर्पण कर स्वास्थ्य और लंबी आयु की कामना की जाती है। यह दिन आर्थिक शुभारंभ और पारिवारिक कल्याण का प्रतीक है।
20 अक्टूबर 2025 – नरक चतुर्दशी / दिवाली
नारक चतुर्दशी दिवाली से एक दिन पहले मनाई जाती है। इसे “छोटी दिवाली” भी कहते हैं। सुबह स्नान करके हल्दी-क्षीर से स्नान होता है, जो शुद्धता की प्रतिकात्मक क्रिया है। शाम को दीये जलाए जाते हैं और घरों को सजाया जाता है। रात को लक्ष्मी पूजन किया जाता है। अंधकार पर प्रकाश की विजय, शत्रुता पर धर्म की विजय और आत्मा के अज्ञान पर मोक्ष का प्रतीक है। परिवार में मिठाई और प्रसाद वितरण होता है।
22 अक्टूबर 2025 – गोवर्धन पूजा / भाई दूज
गोवर्धन पूजा कर्ज और प्रदूषण से मुक्ति के लिए भगवान कृष्ण के द्वारा गोवर्धन पर्वत का उठाने की स्मृति में मनाई जाती है। किसान क्षेत्र में गोवर्धन कथा का वाचन होता है। अगले दिन भाई दूज में बहनें भाई के लिए टीका लगाती हैं और भाई बहन के जीवन में सुरक्षा का आश्वासन देता है। यह पर्व परिवारिक प्रेम, सौहार्द और दिव्य रक्षाभावना को दर्शाता है।
25 अक्टूबर 2025 – नागुला चविथी / विनायक चतुर्थी
नागुला चविथी भगवान गणेश की पूजा का विशेष दिन है, जब भक्त गणेशजी को दूर्वा, मोदक और लाल पुष्प अर्पित करते हैं। गणेशजी को बाधाओं के नाशकर्ता माना जाता है। दक्षिण भारत में इसे नागुला चविथी के रूप में मनाया जाता है। घरों में कलश स्थापना, आरती और भजन होते हैं। यह अध्ययन, बुद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति के लिए शुभ माना जाता है।
27 अक्टूबर 2025 – छठ पूजा
छठ पर्व सूर्य देव की आराधना है, जो पवित्र गंगा या नदी किनारे होती है। व्रती निर्जल व्रत रखकर सूर्योदय और सूर्यास्त का स्नान करते हैं। यह पर्व पंचगव्य, फल, एवं विशेष पूजा से सम्पन्न होता है। परिवार में सामूहिक उत्साह होता है और प्रदूषण रहित पानी में खीर समर्पित की जाती है। छठ सदा जीवन में स्थिरता, स्वास्थ्य और खुशहाली लिए माना जाता है।
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